टोंक जिले के लोगों को लंबे समय से ट्रेन की आस है। विधानसभा चुनाव में ज्यादातर नेता लोगों से ट्रेन लाने का वादा करते हैं, लेकिन किसी भी नेता ने इसके लिए ठोस प्रयास नहीं किए हैं। अभी तक टोंक में ट्रेन के लिए सर्वे करने का ही बजट मिला है। लोग केंद्र और राज्य सरकार से ट्रेन की मांग करते हैं, तो वह एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल देते हैं। केंद्र सरकार राज्य सरकार को जमीन उपलब्ध कराकर आधा खर्चा देने की बात कहती है। उधर राज्य सरकार केंद्र पर जानबूझकर इस मामले को अटकाने का आरोप लगाती है।
इसके अलावा पीपलू और दूनी में इसी साल शुरू हुए गर्ल्स कॉलेज के भवन, जिले में पर्यटन के लिए अलग से बजट देने की मांग है। बीसलपुर बांध का ओवरफ्लो पानी टोरडी सागर में पहुंचाने की मांग भी बरसों से अधूरी है। जिले में निवाई के रेढ़ क्षेत्र में और नगरफोर्ट के मांडकला मे प्राचीन सभ्यता स्थल के विकास के लिए अलग से बजट मिलने की उम्मीद है। बीसलपुर रिजर्व कंजर्वेशन, आमली सफारी पार्क के लिए बजट की जरूरत है। इसके अलावा टोडा के ऐतिहासिक महल को केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित स्मारकों की सूची में शामिल करवाने, टोडा में मूर्ति कला के विकास के लिए राज्य सरकार से बजट की उम्मीद है।
जिले के लोगों को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से भी बजट को लेकर काफी उम्मीद है। लोगों का मानना है कि सचिन पायलट भले ही अभी कोई बड़े पद पर नहीं है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान तक उनकी सीधी पहुंच है। वे अपनी राजनीतिक पहुंच का फायदा जिले के लोगों को ज्यादा से ज्यादा दिलाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए मंगलवार शाम जिले के कुछ लोगों ने उनसे जयपुर स्थित उनके आवास पहुंचकर जिले के लिए बजट मांगा था।